सीएचसी पर बेमियादी धरना जारी, रात्रि को भी ग्रामीण धरना स्थल पर डटे, आज चिकित्सा मंत्री का फूंकेंगे पुतला

कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर्स के रिक्त पद भरने व अन्य व्यवस्थाएं सुधारने की मांग को लेकर बेमियादी धरना-प्रदर्शन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। किसान नेता कुलवंत सुथार ने बताया की मांगें पूरी नहीं होने तक बेमियादी धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। चिकित्सा विभाग, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर ग्रामीणों की मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया। सीएचसी में चिकित्सकों के रिक्त पद भरने, जर्जर मोर्चरी रूम के दुरुस्तीकरण, क्षतिग्रस्त चारदीवारी का निर्माण, साफ-सफाई, व्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था आदि समस्याओं के समाधान के लिए धरने पर बैठे है। गौरतलब है कि गुरुवार को ग्रामीणों ने सीएमएचओ की वार्ता विफल रही। वार्ता में सीएमएचओ ने डॉक्टरों की कमी का हवाला देकर रिक्त पद भरने पर पल्ला झाड़ लिया था, अलबत्ता डेपुटेशन पर भेजे दो कर्मियों का कार्य व्यवस्था के तहत डेपुटेशन निरस्त किया व अन्य मांगों के समाधान के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने की बात कही। लेकिन ग्रामीणों ने रिक्त पदों पर डॉक्टर्स नहीं लगाने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया।

बीसीएमओ की ग्रामीणों से वार्ता विफल : अस्पताल के समक्ष विभिन्न मांगों को ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन के दौरान खंड ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश छिंपा ने वार्ता की । छिंपा ने ग्रामीणों से वार्ता कर चिकित्सालय में सभी व्यवस्थाओं को तत्काल सुधारने का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीणों ने रिक्त पद भरने तक धरना जारी रखने की बात कही।

आक्रोश इतना कि रातभर धरना स्थल पर डटे रहे, चिकित्सा मंत्री का फूंकेंगे पुतला

अस्पताल में विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे बेमियादी धरना प्रदर्शन के दौरान देर शाम को सीएमएचओ से वार्ता विफल के बाद डॉक्टरों के रिक्त पद भरने की मांग पर आक्रोशित आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण रात्रि को भी डटे रहे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर मांगों को नहीं माना गया, तो आंदोलन को अाैर तेज किया जाएगा।

टिब्बी. सीएचसी में रात्रि को भी धरने पर डटे रहे ग्रामीण और वार्ता करते बीसीएमओ।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त डॉक्टर्स के रिक्त पद भरने सहित विभिन्न मांगें पूरी नहीं होने पर आक्रोशित ग्रामीण शनिवार दोपहर एक बजे अस्पताल के समक्ष चिकित्सा मंत्री का पूतला फूंकेंगे। इस अवसर पर मंहगा सिंह, रघुवीर सिंह ढाका, जगजीत सिंह जग्गी, विनोद गोदारा, शंकर पटीर, सोनू चौपड़ा, मक्खन सिंह, दलीप कुमार, विजय शर्मा, हाकम खां मसानी, मुंशा सिंह आदि ग्रामीण धरने पर बैठे।